नमाज और तरावीह के लिए मस्जिद में न जाएं- मौलाना जफर
जौनपुर। एक तरफ कोराना जैसी वैश्विक महामारी है तो वहीं दूसरी तरफ रहमतों का महीना रमजान भी आ गया है। उलेमाए दीन की मानें तो रमजान का पाक महीना इस बार हमें पूरे एहतियात के साथ मनाना है। मस्जिदों और दावते इफ्तार की भीड़ से परहेज की जरूरत है। सरकार के आदेश के अनुसार लाकडाउन का पालन भी करना है। पेश इमाम अलहाज मौलाना जफर अहमद सिद्दीकी ने अपील की है कि कोरोना से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। इस बार का रमजान पूरी सावधानी के साथ पूरा किए जाने की जरूरत है। सभी की जिम्मेदारी है कि लाकडाउन और कोरोना से बचने के लिए सरकार की तरफ से जारी आदेशों का पालन करें। नमाज और तरावीह के लिए मस्जिद में आने की जरूरत नहीं है। घर में ही परिवार के सदस्यों के साथ इसको पूरा करें। इफ्तार पार्टी का न तो आयोजन करें न ही हिस्सा बन कर भीड़ खड़ी करें। खुद भी महफूज रहें और दूसरों को भी रहने दें।
जौनपुर। एक तरफ कोराना जैसी वैश्विक महामारी है तो वहीं दूसरी तरफ रहमतों का महीना रमजान भी आ गया है। उलेमाए दीन की मानें तो रमजान का पाक महीना इस बार हमें पूरे एहतियात के साथ मनाना है। मस्जिदों और दावते इफ्तार की भीड़ से परहेज की जरूरत है। सरकार के आदेश के अनुसार लाकडाउन का पालन भी करना है। पेश इमाम अलहाज मौलाना जफर अहमद सिद्दीकी ने अपील की है कि कोरोना से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। इस बार का रमजान पूरी सावधानी के साथ पूरा किए जाने की जरूरत है। सभी की जिम्मेदारी है कि लाकडाउन और कोरोना से बचने के लिए सरकार की तरफ से जारी आदेशों का पालन करें। नमाज और तरावीह के लिए मस्जिद में आने की जरूरत नहीं है। घर में ही परिवार के सदस्यों के साथ इसको पूरा करें। इफ्तार पार्टी का न तो आयोजन करें न ही हिस्सा बन कर भीड़ खड़ी करें। खुद भी महफूज रहें और दूसरों को भी रहने दें।