हमारी भाषा, संस्कृति और परंपराएं अस्तित्व की आत्मा: सीमा द्विवेदी RAAJDHANI TV

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जौनपुर: सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत सोमवार को नगर के जीजीआईसी में विविधता में एकता का आयोजन किया गया। इस दौरान संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में हमारे स्थानीय संगीतकारों, गायकों, नर्तकियों और अन्य कलाकारों को अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य और परंपराएं हमारे अस्तित्व की आत्मा हैं, और इस तरह के कार्यक्रम हमारे लोगों, विशेष रूप से हमारे युवाओं को हमारी समृद्ध सास्कृतिक विरासत और पारंपरिक जड़ों से जुड़ने का मौका देते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनका संरक्षण करें और उन्हें आगे भी प्रचारित करें।

हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की- विद्यासागर

मुख्य अतिथि एमएलसी विद्यासागर सोनकर ने कहा कि हमारे राष्ट्र की ज्वलंत संस्कृतियां और परंपराएं हमारी सामूहिक विरासत हैं। वसुधैव कुटुंबकम की हमारी संस्कृति है। सारा संसार एक परिवार है, हमारे राष्ट्र ने हमेशा एक विश्व गुरु की भूमिका निभाई है। हमारे राष्ट्र की ताकत हमारी विविधता में एकता में निहित है। इस तथ्य पर गर्व है कि जौनपुर जातीय और सास्कृतिक रूप से भारत के सबसे विविध क्षेत्रों में से एक है। यहां हिंदी भाषी सहित देश के कोने-कोने से लोग आकर बसे हैं। लोगों ने सामंजस्य से रहकर एक अद्वितीय समग्र संस्कृति का निर्माण किया है। यहा एक तरफ ठेठ भाषा की आवाजें हम सभी को रोमाचित करती हैं, तो दूसरी तरफ भोजपुरी नृत्य और गीत की मधुर-मधुर आवाजें हमें और हमारे जिलावासियों को ताजगी से भर देती हैं। ये क्षेत्र अनेकता में एकता का बहुत ही आदर्श है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पहली बार दार्जिलिंग को राष्ट्रीय स्तर के सास्कृतिक कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर मिल रहा है।

भारत एक विविधतापूर्ण देश- पुष्पराज

अध्यक्षता करते हुये जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है। इसके विभिन्न भागों में भौगोलिक अवस्थाओं, निवासियों और उनकी संस्कृतियों में काफी अन्तर है । कुछ प्रदेश अफ्रीकी रेगिस्तानों जैसे तप्त और शुष्क हैं, तो कुछ ध्रुव प्रदेश की भांति ठण्डे। कहीं वर्षा का अतिरेक है, तो कहीं उसका नितान्त अभाव है। तमिलनाडु, पंजाब और असम के निवासियों को एक साथ देखकर कोई उन्हें एक नस्ल या एक संस्कृति का अंग नहीं मान सकता। देश के निवासियों के अलग-अलग धर्म, विविधतापूर्ण भोजन और वस्त्र उतने ही भिन्न हैं, जितनी उनकी भाषाएं या बोलियां ।

इसके पहले स्कूल की बालिकाओं ने सीमा द्विवेदी को कुमकुम लगाकर स्वागत किया। इसके उपरान्त सीमा द्विवेदी ने बच्चियों के परिचय लिया। उक्त अवसर पर  जिला महामंत्री सुशील मिश्रा, अमित श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंघानिया, संदीप पाण्डेय एवं विद्यालय की अध्यापक व छात्राएं उपस्थित रहे।

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