जौनपुर। पूंजीपतियों की मदद एक तरफ और जौनपुर नगर के तीन सभासदों की जनसेवा दूसरी तरफ। सामाजिक तराज़ू पर इनकी तिकड़ी का पलड़ा भारी पड़ रहा है। सीमित संसाधनों में जिस तरह ये सभासद लोगों की ज़रूरत पूरा कर रहे हैं, वो क़ाबिले तारीफ़ है। लॉकडाउन परेशानी का सबब बना तो खुद को बड़ा बताने वाले पूंजीपति भी सामने आए, लेकिन इनकी मदद ज़िला प्रशासन की झंडी और अख़बार की सुर्ख़ी की मोहताज बन कर रह गई। इसी में कुछ ऐसे हीरो भी सामने आ रहे हैं जो बिना किसी बंधन और भेदभाव की जी जान से लगे हैं। इसमें मख़्दूमशाहअढ़न के सभासद शबी हैदर सदफ, ढालगारटोला के अलमास अहमद सिद्दीकी और मुफ़्तीमोहल्ला के फ़ैसल रमज़ान शामिल हैं। इनकी तिकड़ी लोगों को राशन की कमी नहीं होने दे रही।
अलमास, सदफ़ और फ़ैसल बताते हैं कि लॉकडाउन लगते ही वे लोगों की सेवा में जुट गए। वार्ड का सभासद होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी भी काफी ज़्यादा थी। लोग उम्मीद भारी नज़र से उनकी तरफ़ देख रहे थे। इसके बाद तीनों सभासदों ने अपने क्षेत्र में भूखों और ज़रूरतमंदों की कमी पूरा करने का बीड़ा उठाया। लगातार राशन की किट लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इसमें सभी धर्म के लोगों की सेवा बिना भेदभाव हो रही है। रमज़ान आया तो इससे जुड़ी चीज़ें भी लोगों तक पहुंचाई जाने लगी। रही सही कसर कम्यूनिटी किचेन से मिलने वाले खाने से पूरी कर देते हैं। इनका मानना है कि ये वक़्त हिन्दू-मुस्लिम के मुद्दों की राजनीति करने का नहीं है। सबको मदद की ज़रूरत है। उनकी तिकड़ी किसी को दिखाने के लिए काम नहीं कर रही। बल्कि समाज में अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए कर रही है। कोशिश रहती है कि फोटो न खींची जाए। हां सबसे अहम बात ये कि जनसेवा का काम वो अपने ख़र्च से कर रहे हैं। किसी से मदद नहीं लेते।