लोकप्रियता नहीं, धर्म निभाने को कोरोना काल में मदद कर रहे जौनपुर के हीरो पार्ट-6

0


जौनपुर। लॉकडाउन और उसमें पैदा हुई दुश्वारियों से हर कोई वाकिफ है। सबकी अलग-अलग ज़रूरतें हैं। किसी को अनाज चाहिए तो किसी को भोजन। रमज़ान में सहरी और इफ़्तार भी लोगों की ज़रूरतों में शुमार है। लोगों को इन सबसे उबारने और राहत देने के लिए लगातार हाथ आगे बढ़ रहे हैं। बहुत से चेहरे हीरो बनकर लोगों की ज़िंदगी की कठिनाइयां कम करने में लगे हैं। कई जाने-अनजाने चेहरे आपने देखे भी होंगे। कुछ दिखाने की कोशिश हम भी कर रहे हैं। 

फ़ाज़िल सिद्दीकी- नगर के बलुआघाट निवासी फ़ाज़िल सिद्दीक़ी व्यवसायी हैं। कोरोना काल की दस्तक होते ही इन्होंने लोगों के रोज़गार और दुकानें बंद होती देखी। दिहाड़ी मारी गयी तो लोगों को खाने-पीने की मुश्किलों से दो-चार होना पड़ रहा था। फ़ाज़िल ने देखा तो अपने मोहल्ले से मदद देने की शुरुआत की। फ़ाज़िल बताते हैं कि मदद का आग़ाज़ अपने मोहल्ले से तो किया, लेकिन इसके बाद कई तरफ़ से मदद के लिए फ़ोन आने लगे। जहां-जहां मुमकिन हुआ राशन भेजने का काम होने लगा। देखते ही देखते लालदरवाज़ा, बड़ी मस्जिद, पुरानी बाज़ार, मुफ़्ती मोहल्ला, मुल्लाटोला, सिपाह, रासमंडल, बल्लोचटोला, ढालगरटोला, रिज़वी खां, मीरमस्त, तूतीपुर, मियांपुर, कोरापट्टी समेत कई क्षेत्रों में राशन वाली किट पहुंचने लगी। लोगों की मदद लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं की जा रही। इस मुश्किल दौर में इंसान के काम आना ही धर्म है।

ज्ञानेश सिंह- नगर के पॉलिटेक्निक चौराहा निवासी ज्ञानेश सिंह व्यवसायी और कांग्रेस नेता हैं। लोगों के सामने लॉकडाउन की समस्या आई तो राजनीति किनारे रख जनसेवा में कूद पड़े। ज्ञानेश बताते हैं कि क़रीब 28 मार्च से अपने बड़े भाई राजेश सिंह के साथ मिलकर लोगों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। पॉलिटेक्निक, जहांगीराबाद, उमरपुर, अटाला मस्जिद क्षेत्र समेत कई ऐसी जगह है जहां लोगों की मदद के लिए सामान भेजे जाने लगे। भोजन की भी व्यवस्था की गई। इसी बीच कांग्रेस की तरफ़ से रसोई स्थापित हुई तो उसके माध्यम से भी लोगों की मदद चल रही है। कोरोना काल राजनीति चमकाने का अवसर नहीं, बल्कि लोगों की मदद कर उनके दिल में जगह बनाने का है। 
 

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)




आप देख रहे है - RAAJDHANI TV
Accept !