कोरोना काल में कवरेज के दौरान संक्रमित हो रहे पत्रकार, कई ने गंवाई जान- कुलपति

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ऑनलाइन संगोष्ठी में 15 सौ से अधिक लोग जुड़े

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग एवं पीआर नीति के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें कोविड-19 के दौर में मीडिया की भूमिका के विविध आयामों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में  देश के विभिन्न भागों से 1500 से अधिक लोग  फेसबुक और ज़ूम के माध्यम से जुड़े।

 मुख्य अतिथि जयपुर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ संजीव भानावत  ने कहा कि ख़ास तौर से समाचार पत्रों ने कोरोनो के दौर में जन  जागरूकता में बड़ी भूमिका अदा की है। जन-जन को वास्तविकता से परिचित कराया है। विश्लेष्णात्मक खबरें भी लोगों तक पहुंचाई है। मीडिया ने जन आस्था और मनोबल को बढाया है। सोशल मीडिया ने भ्रामक ख़बरों के बावजूद आवश्यक सूचनाओं को राष्ट्रव्यापी स्तर तक पहुचाया है। संगोष्ठी में विशिष्ठ अतिथि दिल्ली के पत्रकार  सतीश के. सिंह ने कहा कि इस दौर में सरकार ने  हर सेक्टर को आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। ऐसे में मीडिया उद्योग के लिए भी सरकार को एक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने कहा कि इस दौर में मीडिया के काम से समाज में उसकी अनिवार्यता सिद्ध हो गई है। आज देश के तमाम मीडियाकर्मी कोरोनो से जुडी खबरों को कवरेज  करने के दौरान संक्रमित हुए और अपनी जान भी गंवाई। यह समय  पत्रकारिता करने वालों के लिए  बहुत ही  चुनौती भरा है, लेकिन कैसे भी हालात रहे हों, पत्रकारों ने ख़बरों को पहुंचने में कोई कमी नहीं की है। मुख्य वक्ता सूचना और प्रचार निदेशालय दिल्ली  के  उपनिदेशक  नलिन चौहान ने कहा कि आज हम एक अदृश्य आपदा का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सूचना का स्वरुप और भी महत्वपूर्ण हो गया है। सरकारी विभाग सूचनाओं को उपलब्ध कराने में आगे आए हैं। गुरु गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ  विश्वविद्यालय, दिल्ली के डॉ सर्वेश त्रिपाठी द्वारा विषय परिवर्तन किया गया। संगोष्ठी के संयोजक डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया। एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा  की सहायक आचार्य डॉ आशिमा सिंह ने  संगोष्ठी का संचालन किया। तकनीकी समन्वय आतुर शर्मा ने किया। आयोजन सचिव डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं पीआर नीति की निदेशक विभा सिंह में धन्यवाद् ज्ञापन किया।  संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रदेशों से बड़ी संख्या में शिक्षक,  शोधार्थी,  विद्यार्थी और  पत्रकारों ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी के सह संयोजक डॉ सुनील कुमार एवं सदस्य डॉ अवध बिहारी सिंह एवं डॉ चन्दन सिंह रहे।

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