जौनपुर। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं मल्हनी से विधायक पारस नाथ यादव का शुक्रवार की दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे उनके नगर स्थित आवास पर निधन हो गया। उनके निधन की खबर जनपद सहित पूरे प्रदेश में पहुंची तो लोगों का हुजूम श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा। भीड़ देख ज़िला प्रशासन को सुरक्षा का प्रबंध करना पड़ा। परिवार के सदस्यों ने बताया कि अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर होगा।
पारस नाथ यादव के निधन की सूचना सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को होते ही उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त की। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी अपने राजनैतिक दिनों के साथी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव, पूर्व विधायक गुलाब चन्द सरोज, जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव, मोहम्मद हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अब्दुल कादिर खां, श्याम बहादुर पाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज, राकेश यादव, हेसामुद्दीन समेत जनपद के राजनीतिज्ञों ने पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे। मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री थे तो पारसनाथ यादव मिनी मुख्यमंत्री कहे जाते थे। मुलायम सिंह यादव के परिवार से पारसनाथ यादव परिवार की नजदीकियां जग जाहिर थीं। समाजवादी पार्टी बनाने के बाद से उन्होंने कभी मुलायम सिंह का साथ नहीं छोड़ा। लोग पारसनाथ यादव को शेरे पूर्वांचल भी कहते थे। हालांकि पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथ में जाने के बाद पारसनाथ यादव का रसूख़ कुछ कम हुआ था। पारसनाथ यादव ने सन 1985 में पहली बार विधानसभा चुनाव लोकदल के बैनर तले बरसठी विधान सभा क्षेत्र से लड़ा। जीत दर्ज कर विधायक बने। इसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 7 बार विधायक और 4 बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। 2 बार लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज कर देश की सर्वोच्च पंचायत में पहुंचे।