जौनपुर। गंगा-जमुनी तहज़ीब के शहर जौनपुर में मददगार भी इसी तर्ज पर मिल रहे हैं। उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि आप हिन्दू हैं या मुसलमान। सबकी मदद के लिए इनके दरवाज़े दिन-रात खुले हैं। राशन से लेकर भोजन तक लोगों में बांटा जा रहा है। लॉकडाउन से शुरू हुई मदद कब तक जारी रहेगी इसका पता जौनपुर के इन हीरो को नहीं पता। वो बस अपने काम में निःस्वार्थ लगे हैं। जानिए अपने ज़िले के इन हीरो के बारे में और हो सके तो इनके जज़्बे को सलाम करिए।
अमित कुमार- ज़िले का जानामाना कपड़े का फर्म राजाराम एंड संस किसी परिचय का मोहताज नहीं। ये फ़र्म व्यवसाय के साथ समाज सेवा के लिए भी जाना जाता है। फर्म के अधिष्ठाता अमित कुमार जानते थे कि लॉकडाउन में हालात सामान्य नहीं रहेंगे। ज़रूरतमंदों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में ज़रूरी है कि मदद को हाथ आगे बढ़ाया जाए। अमित कुमार बताते हैं कि 26 मार्च से ही लोगों की सेवा करने का बीड़ा उठाया गया। जो भी दरवाजे पर आया उसकी मदद की गई। फर्क नहीं पड़ता कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान। भेदभाव की भावना खून में ही नहीं है। शुरुआत में राशन का पैकेट दिया जा रहा था, लेकिन समझ में आया कि ये काफी नहीं है। लोगों को राशन से ज्यादा खाने ज़रूरत है। इसके बाद किचेन की स्थापना की गई। परिवार के आशीर्वाद से खाना बना कर लोगों में बांटना शुरू हुआ। उस दौरान आसपास की कुछ और टीमें लगी जो अपने स्तर पर लोगों की मदद को करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे वह बंद होती गईं। इसके बाद सारा भार हम पर आ गया। इसके बाद दिन और रात का भोजन लेने वालों की संख्या अप्रत्याशित तरीक़े से बढ़ गई। दिन में 700 और रात में 1000 पैकेट बनाया जाने लगा। गुणवत्ता में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया। इसका ज़िम्मा उनकी पत्नी ने उठाया। हाल ये है कि पॉलिटेक्निक, परमानतपुर, रुहट्टा, ओलंदगंज, मछलीशहर पड़ाव समेत दूर-दूर से लोग आकर भोजन ले जाते हैं।
तहसीन शाहिद-- मख़्दूमशाहअढ़न निवासी
तहसीन शाहिद भाजपा नेता भी हैं। वो और उनकी टीम गरीबों की मदद के लिए चर्चा में है। तहसीन बताते हैं कि उनकी टीम लगातार लोगों की मदद में लगी है। हिन्दू होंं या मुसलमान, हमें फर्क नहीं पड़ता। जो ज़रूरतमंद है उसके हाथ को हमारी टीम ख़ाली नहीं जाने देती। लोगों को राशन तो बांटा जा रहा है साथ ही खाने का भी इंतज़ाम रोज़ाना किया जाता है। कोरोना काल आते ही उनकी टीम ने ख़्वाहिश जारी की कि लोगों की मदद करना बेहद ज़रूरी है। इसके बाद मुन्ना अकेला, हसीन अहमद बाबू, वजीरुल हसन, अज़ादार हुसैन, शोएब ज़ैदी, एहसानुद्दीन अंजुम, सय्यद अहमर, आज़म ज़ैदी, हसनैन क़मर दीपू, दानिश, सुहैल ज़ैदी, मुन्ना राजा, तनवीर जाफरी ने अपने स्तर से पैसे इकट्ठा किए। इसके बाद लोगों की मदद शुरू की गई। फूलपुर, सैदनपुर, कचगांव, पंजेशरीफ, सदर इमामबाड़ा, जफराबाद, सिपाह, मीरमस्त, पानदरीबा, मख़्दूमशाहअढ़न, आलमखां, कटघरा जैसे मोहल्ले में हर तबके को राशन बांटा गया।