कटघरे का ऐतिहासिक चेहल्लुम, कोरोना काल के बाद लौटी रौनक

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जौनपुर। नगर के कटघरा स्थित मिर्ज़ा अबू जाफर इमाम चौक का क़दीमी चेहल्लुम रविवार को मनाया गया। 124 साल पुराने इस चेहल्लुम में अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा रहा। हज़ारों की संख्या में लोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे और अन्य शहीदों को पुरसा देते नजर आए। देर रात करीब 12 बजे जुलूस सम्पन्न हुआ।

कोरोना काल के कारण पिछले दो सालों से ये चेहल्लुम गाईड लाइन के अनुसार मनाया जा रहा था।इस साल पहले की तरह पूरे जोश-खरोश के साथ इसे अंजाम दिया गया। मकामी चेहल्लुम का ये पर्व पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे की शहादत की याद में मनाया जाता है। बता दें कि 10 मोहर्रम को पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का पूरा कुनबा शहीद हो गया था। इसकी याद में दुनिया भर में उनकी शहादत के ठीक 40 दिन बाद चेहलुम मानते हैं। रिवायत के हवाले से कहा जाता है कि इमाम हुसैन और उनकी सेना को शहादत के 40 दिनों के बाद कफ़न मिला और उनके पार्थिव शरीर को सुपुर्दे खाक किया गया था। इसकी याद में दुनिया भर के शिया मुस्लिम चेहलुम मनाते हैं।

इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की कब्रे मुबारक की शक्ल में शबीहे ताजिया और इस्लामी परचम ‘अलम’ के साथ ये जुलूस अपने मकाम मिर्ज़ा अबुजफर चौक कटघरा से उठकर कदीमी रास्ते (तारापुर और बदलापुर पड़ाव) के पास से गुजरते हुए, शाही कर्बला में तमाम किया गया। जुलूस सभी समुदाय के सहयोग से शांति और सौहार्द के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न  किया गया। कार्यक्रम की शकील अहमद ने की। जुलूस को मौलाना सय्यद सैफ अब्दी क़िबला ने खेताब किया। पेशख्व्नी महताब साहब व हमनवा ने और नौहाख्वानी अनजुमन-ए-हुसैनिया बालुआघाट ने की।

इस पुरे कार्यक्रम में शासन और प्रशासन की तरफ से आयोजनकर्ता परिवार को पूरा सहयोग दिया गया। क्षेत्र की सभासद श्रीमती नमिता सिंह के सौजन्य से साफ सफाई, पेयजल और रौशनी का पूरा इंतजाम किया गया। स्वर्गीय मिर्ज़ा अशफाक अहमद का पूरा परिवार इस आयोजन में लगा रहा। परिवार के सदस्य मिर्जा अली शाह, मिर्ज़ा नदीम हैदर, मिर्जा आतिफ जाफर, मिर्जा अली जाफर, मिर्जा हसन ने सभी का धन्यवाद दिया।


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