जौनपुर। रबीउल अव्वल का महीना आते ही आख़िरी नबी हज़रत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गलियों, मोहल्लों, चट्टी-चौराहों पर बड़ी अक़ीदत के साथ जलसा सीरतुन्नबी व जुलूस मदहे सहाबा का आयोजन किया जाता है। नगर के मोहल्ला डढ़ीयाना टोला में भी ऐतिहासिक ईद मिलादुन्नबी व जुलूस मदहे सहाबा रहमानिया सीरत कमेटी के तत्वावधान में सोमवार को आयोजित किया गया। शाही जामा मस्जिद से बाद नमाज़-ए-मग़रिब पूर्व सभासद इरशाद मंसूरी ने हरी झंडी दिखा कर जुलूस को रवाना किया।
अखाड़ों ने दिखाए फ़न, अंजुमन ने पेश की नाते नबी...
जुलूस शाही बड़ी मस्जिद से चलकर अपने क़दीमी रास्तों से होते हुए एवं सिपहगरी के अखाड़े अपने फ़न का मुज़ाहिरा और नात ख़्वां अंजुमन नातिया कलाम पेश करते हुए फ़ज्र की नमाज़ से पहले रौज़ा क़दम रसूल पर पहुंचे। इसके बाद जलसे की शक्ल में तब्दील हो गए।
कमेटियों ने दुल्हन की तरह रास्तों को सजाया...
जुलूस के रास्तों को सजावट कमेटियों द्वारा दुल्हन की तरह क़ुमकमों व झालरों से सजाया गया था।रहमानिया सीरत कमेटी ने अपने कंट्रोल रूम स्थित डढ़ीयाना टोला पर एक जलसा क़ौमी यकजहती का आयोजन प्रारंपगत तऱीके से किया। इसकी अध्यक्षता अनवर खान ने की। आग़ाज़ हाफ़िज़ रैय्यान आसिफ़ ने तेलावते क़ुरआन से की। नाते पाक का नज़राना मोहम्मद हामिद ने पेश किया।
एकता की मिसाल है जौनपुर- निखिलेश सिंह
जलसा क़ौमी यकजहती को संबोधित करते हुए बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निखिलेश सिंह ने कहा कि जौनपुर हमेशा से एकता की मिसाल पेश करते चला आ रहा है। आज जिस प्रकार से पूरे भारत में दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। वहीं जौनपुर नगर में दीपोत्सव के संग ईदमिलादुन्नबी की भी महफ़िल सजी हुई है। हिन्दू-मुस्लिम दोनों अपना त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मना रहे हैं। यही जौनपुर की पहचान है।
मोहब्बत का संदेश देता है जौनपुर- साजिद अलीम
सभासद साजिद अलीम ने कहा कि अगर लखनऊ मोहब्बतों का शहर है तो जौनपुर उसकी राजधानी है। क्योंकि जौनपुर ने हमेशा मोहब्बत, एकता का संदेश देने का काम किया है। इससे बड़ी मिसाल क्या होगी कि दीवाली पर्व के बाद भी हमारे हिन्दू भाई इस कार्यक्रम में भाग लेकर प्रोग्राम की शोभा बढ़ा रहे हैं। जब तक ये एकता क़ायम रहेगी तब तक अलगाववादी ताक़तें अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सकेंगी।
इन्होंने भी किया संबोधित...
इसके इलावा हबीब आलम खान, मोतीलाल यादव, आरिफ़ हबीब खान, श्रवण जायसवाल, मज़हर आसिफ़, अनवारुल हक़ गुड्डू, विजय सिंह बागी ने भी जलसे को संबोधित किया। संचालन कमालुद्दीन अंसारी व धन्यवाद रहमानिया सीरत कमेटी के कन्वीनर दानिश इक़बाल ने किया।
ये रहे मौजूद...
शायर अकरम जौनपुरी, शायर अहमद अज़ीज़, ज़फ़र मसूद, मरकज़ी सीरत कमेटी के अध्यक्ष हफ़ीज़ शाह, मौलाना ताजुद्दीन, सलामुल्लाह खान चुन्ना, मोहम्मद माजिद, रिज़वान अहमद, अज़ीज़ फरीदी, इकराम सौदागर, मोहम्मद तारिक़, अलमास अहमद सिद्दीकी, क़ारी इश्तेयाक अहमद, अंसार इदरीसी आदि उपस्थित रहे।
By- Javed Ahmad