पांच दिन बाद भी हाफिज रकीब का नहीं चला पता, समाज के ठेकेदार ख़ामोश

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जौनपुर। नगर कोतवाली के प्रेमराजपूर पानदरीबा नाव घाट पर 15 अक्टूबर को नाव पर सवार हाफिज अब्दुल रकीब (40) गोमती नदी में डूब गए थे। पांच दिन बीत जाने के बाद अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल सका। हादसे के बाद से ही परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस और गोताखोरों की टीम लगातार उनको ढूंढने का प्रयास कर रही है। ढूंढने के लिए हाफिज के परिजन कई टीम बनाकर नदी किनारे नजर बनाए हुए हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई है।

ऐसी घटी थी घटना...
हाफिज रकीब लाइन बाजार थाना क्षेत्र के कलीचाबाद गांव में बीते शनिवार जनाजे की नमाज पढ़ा कर नाव से घर आ रहे थे। नगर कोतवाली के प्रेम राजपुर पानदरीबा नाव घाट पर किसी कारण से नाव असंतुलित होकर गोमती नदी में पलट गई। इससे हाफिज रकीब गोमती नदी में डूब गए। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस गोताखोरों की मदद से ढूंढने में जुट गई। पांच दिनों के बाद भी कामयाबी नहीं मिल सकी है।


तार के सहारे चलती है नाव....
कलीचाबाद से प्रेमराजपुर पानदरीबा के बीच बरसों से तार के सहारे नाव चलती है। गोपालापुर निवासी हाफिज अब्दुल रकीब भी साइकिल लेकर नाव पर सवार हो गए थे। जब वे प्रेमराजपुर पान दरीबा घाट के करीब पहुंचे, उसी समय नाव असंतुलित हो गई और वो पानी में गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने जब यह खबर परिजन को दी तो कोहराम मच गया। हालांकि सूचना पर पुरानी बाजार चौकी प्रभारी आफताब आलम टीम को साथ लेकर घाट पर पहुंच गए। 

कोरोना काल में की थी समाजसेवा...
शहर के गोपालापुर में अपने परिवार के साथ रहने वाले हाफिज अब्दुल रकीब ने कोरोना काल में सैकड़ों मैय्यत का गुस्लो कफ़न किया। पर आज हाफिज जी के परिवार का कोई पुरसाने हाल नहीं है। उनके चार बच्चे और पत्नी किसी तरह इस दुख की घड़ी में अपना गुज़र बसर कर रहे हैं। समाज के जिम्मेदारों ने भी उनके परिजन की कोई सुध नहीं ली।

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